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पुरुष बांझपन का कठिण सफर

                मैं परेश। मै मेरी बांझपन की कहानी आपके सामने इसलिए रखना चाहता हूं क्यूंकी मेरे जैसे काफी सारे पुरुष इस हालत से गुजर रहे होंगे और मेरी ये कहानी उन्हें सही रास्ता दिखा सखे।   मुझे अच्छी तरह से वो वाखिया याद है जिस दिन मुझे पहली बार मेहसूस हुआ के शादीशुदा जिंदगी में अगर बच्चा ना हो तो सब कुछ होने के बावजुद भी आपके पास कुछ नहीं है।  पॉँच साल पहले मेरे कॉलेज के सब फ्रेंड्स ने फॅमिली पिकनिक का प्लैन बनाया था।  मै और अवंती बहोत खुश थे क्यूंकी ऑफिस के रोज के कामों से कुछ तो change मिलेगा,पिकनिक के चार दिन बहोत मौज मस्ती से गुजारेंगे ये तह किया था।  आखिर पिकनिक का दिन आया।  हम सब दोस्त काफी सालो के बाद मिले थे। बहोत ही खुशी का माहोल था। गप्पे,हंसी,मौज चल रही थी।  सब एक दूसरे को अपने बच्चे और बीवी की पहचान करा रहे थे।  हमारे पुरे ग्रुप में मै अकेला ऐसे था की मेरे बच्चे नहीं थे।  अभी तक मैंने बच्चों की कमी इतनी कभी मेहसूस नहीं की थी।  लेकिन मेरे दोस्तों के बच्चे, उनकी खेल कूद, मेरे दोस्तों का अपने बच्चों को प्यार करना, उनके साथ खेलना ये सब देखकर मुझे अपने परिवार की कमी मेहसूस हुई ऐसे लगा मेरे पास सब कुछ होक भी कुछ नहीं है।  मेरी पत्नी अवंती का भी सेम हाल था। वो भी कहीं ना कही मन मे बहोत दुःखी थी। वो चार दिन हम दोनों ने अंदर ही अंदर की घुटन से निकाले।  लेकिन लौटते वक्त मैंने यह तैय किया की चाहे कुछ भी हो जाये मुझे बच्चे के बारे मे अब सोचना ही चाहिये।

              मैं और अवंती तंदुरुस्त होने के कारण मुझे लगा था ये सफर मेरे लिए कुछ ज्यादा कठीण नहीं होगा।  इस ही सोच में ६-७ महने गुजर गये लेकिन अवंती की प्रेगनेंसी नहीं हो रही थी। मै भी थोड़ा परेशान हो रहा था।  इसलिए हम दोनों ने डॉक्टर की सलह लेने का फैसला किया। हम दोनों हमारे फॅमिली डॉक्टर को मिले।  और उन्हें हमारी परेशानी का कारण बताया। उन्होंने मेरी semen test और अवंती के कुछ खून के जांच और सोनोग्राफी करने कहा। दूसरे दिन फिरसे रिपोर्ट्स के साथ हम डॉक्टर से मिले।  अवंती के सब रिपोर्ट्स नार्मल थे। लेकिन ये क्या ?? मेरा रिपोर्ट बिलकुल अच्छा नहीं था। मेरे semen रिपोर्ट मे sperm count 0 दिखाया था।  अब मुझे बच्चा न होने का कारण मैं ही हु ये तय हो चुका था।  ये एहसास बहोत डरावना था।  क्या और कैसे react करु कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। दिमाग मे काफी सारी चिंता चल रही थी। ऐसा नहीं हो सकता। पर ये सच्चाई मुझे कभी ना कभी समझके आगे चलना जरुरी था। हम दोनों बड़े ही दुःख से घर लौटे। अकेला रूम में बैठकर मे उस दिन बहोत रोया। मानो की इससे ज्यादा दुःखी मैं मेरी जिंदगी में आजतक कभी नहीं हुआ था।  मेरी वजह से आजतक अवंती भी suffer कर रही है ये बात मुझे हजम नहीं हो रही थी।  किसी भी काम मे मेरा ध्यान नहीं लग रहा था।  मन ही मन मे पूरा दिन मै खुद को blame करता रहता था। लेकिन इस समस्या से बाहर कैसे निकले? कही लोग मुझे बच्चा adopt करने की सलह दे रहे थे।  लेकिन मेरा दिल ये चिज़ मानने को तैयार नहीं था।  काफी महने बित गये। कही ना कही बच्चा होने की उम्मीद ख़तम हो गयी थी।  
               लेकिन कहते है ना की जब आप बहोत ज्यादा दर्द से गुजरते हो तब भगवान आपकी जरूर मदत करते है।मेरे लिए ये भगवान थे संतति फर्टिलिटी and  आय. व्ही. एफ सेंटर के डॉ. स्वाती डोंगरे मैडम।  एक रिश्तेदार के कहने पर हम मैडम के पास आये थे एक आखरी उम्मीद लेके ! मैडम इतने ज्यादा समझदार और अच्छे है की उन्होंने हमारा बहोत हौसला बढाया। पहली मुलाकात मैँ ही उन्होंने बच्चा कैसे रहता है और नहीं रहता तो क्या करना जरुरी है ये बताया। उन्होंने मेरा रिपोर्ट देखकर कहा की semen मे sperm नहीं है लेकिन अण्डाशय / testis में present है।  तो advanced tesa नामक तकनीक का उपयोग करके वहाँ से sperm निकालके IVF करे तो खुदका बच्चा संभव है।ये सुनकर मै बहोत खुश हो गया। मुझे  विश्वास भी नहीं हो पा रहा था ऐसा भी कुछ हो सकता है। मैंने ट्रीटमेंट को तुरंत हा कर दी। Tesa करके मेरे खुदके sperms से मैडम ने IVF किया।  और बहोत कम समय मे हमारी ट्रीटमेंट करवायी।  जब अवंती के Uterus Embryo Transfer किया मैं बहोत खुश था। अगले महने मे अवंती की Pregnancy Test Positive आयी। मैं शब्दों में ब या नहीं कर सकता की मै कितना खुश था।  
     अवंती के Pregnancy में मैडम ने हमें बहोत मदत की।  और जून २०२० में हमारे घर दो छोटी परियां आ गयी। मेरे दोनों बेटियों को जब पहली बार मैंने देखा था वो मेरे जिंदगी का सबसे सुहाना पल था। डॉ. स्वाती डोंगरे मैडम और उनकी टीम की Best Treatment की वजह से मैं अपने खुदके बच्चों का पापा बन पाया। मैं संतती टीम को बहोत धन्यवाद  देता हूं।
       
                                                                                                                                                                            शब्दांकन : डॉ. क्लिटा परेरा.